शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

बालकों से....

तुम मुस्कुराते रहना,
और खिलखिलाते रहना,
बनकर गुलाब अपनी
खुशबू लुटाते रहना।।

सपने जरूर देखो,
जी भर के जी लो जीवन...
हर रंग के सुमन से,
महके तुम्हारा जीवन...
हर हाल में कदम बस
आगे बढ़ाते रहना।।
तुम मुस्कुराते रहना,
और खिलखिलाते रहना,
बनकर गुलाब अपनी
खुशबू लुटाते रहना।।

तुम पर बुराइयों का,
ना हो असर कभी भी...
रहना कमल की भाँति,
चाहे रहो कहीं भी...
अपने गुणों का दर्शन
सबको कराते रहना।।
तुम मुस्कुराते रहना,
और खिलखिलाते रहना,
बनकर गुलाब अपनी
खुशबू लुटाते रहना।।

जीवन बहुत है छोटा,
और काम हैं बहुत से...
नहीं व्यर्थ में गँवाना,
कुछ पल भी जिंदगी के...
तुम बाहरी चमक से
खुद को बचाते रहना।।
तुम मुस्कुराते रहना,
और खिलखिलाते रहना,
बनकर गुलाब अपनी
खुशबू लुटाते रहना।।

छोटा लगे हिमालय,
तुम वह मुकाम पाना...
इतना तरक्की करना,
झुक जाए ये जमाना...
लेकिन बड़ों के आगे
सर को झुकाते रहना।।
तुम मुस्कुराते रहना,
और खिलखिलाते रहना,
बनकर गुलाब अपनी
खुशबू लुटाते रहना ll
-=-=-=-=-=-=-=-


1 टिप्पणी:

  1. वाह! अति सुंदर संदेश,
    एक शिक्षिका के अनुरूप.
    साझा करने हेतु बहुत बहुत आभार.

    ऐसे ही बच्चों को राह दिखाते चलिए.

    धन्यवाद.

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