तेरी प्यार वाली नज़र पड़ी
तो ये सारा आलम बदल गया,
तूने मुस्कुराकर क्या कहा,
मेरा गुरूर सारा पिघल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र....
जो मैं तुझसे रूठूँ, मेरी खता
जो तू माफ़ कर दे, तेरा करम,
ये बात आपस की है सनम,
तेरे कहने से दिल बहल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र....
तेरी रहमतों का ये सिलसिला,
ना तो कम हुआ, ना रुका कभी
जब लड़खड़ाए कदम मेरे,
तूने हाथ थामा, सँभल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र ....
वही मधु भरी सुन बाँसुरी,
जिसे सुन के मीरा बावरी,
तेरी हो गयी, कहीं खो गई
क्या उसी का जादू चल गया ?
तेरी प्यार वाली नज़र....
है युगों का नाता तेरा-मेरा,
नहीं प्रीत अपनी नई-नई
तू कहाँ है ये भी पता नहीं,
तुझे खोजने भी निकल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र...
तो ये सारा आलम बदल गया,
तूने मुस्कुराकर क्या कहा,
मेरा गुरूर सारा पिघल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र....
जो मैं तुझसे रूठूँ, मेरी खता
जो तू माफ़ कर दे, तेरा करम,
ये बात आपस की है सनम,
तेरे कहने से दिल बहल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र....
तेरी रहमतों का ये सिलसिला,
ना तो कम हुआ, ना रुका कभी
जब लड़खड़ाए कदम मेरे,
तूने हाथ थामा, सँभल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र ....
वही मधु भरी सुन बाँसुरी,
जिसे सुन के मीरा बावरी,
तेरी हो गयी, कहीं खो गई
क्या उसी का जादू चल गया ?
तेरी प्यार वाली नज़र....
है युगों का नाता तेरा-मेरा,
नहीं प्रीत अपनी नई-नई
तू कहाँ है ये भी पता नहीं,
तुझे खोजने भी निकल गया...
तेरी प्यार वाली नज़र...
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
११ फरवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत आभार प्रिय श्वेता।
हटाएंवाह बहुत सुन्दर मीना जी प्रेम में समर्पण हो तो प्रेम निश्छल और पवित्र हो जाता है सुंदर भाव।
जवाब देंहटाएंमीना जी g+बंद हो रहा है यहां से काफी मित्र गण फेसबुक पर ज्वॉइन कर चूके आप भी फेसबुक पर ज्वॉइन करें, तो काव्य यात्रा साथ साथ चलती रहेगी ।
सस्नेह।
कुसुम कोठारी ।
बहुत ही बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंवाह !!बहुत खूब... मीना जी
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंहै युगों का नाता तेरा-मेरा,
नहीं प्रीत अपनी नई-नई
लाजवाब....
वाह !! बहुत सुन्दर सृजन सखी
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत खूब.....बहुत ही सुंदर
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