लफ्जों का ताना - बाना है !
तेरे दिल से मेरे दिल तक
नग़मों का आना जाना है !
कह भी दो, दिल की दो बातें
प्यार सही, तकरार सही !
बातों-बातों में बातों से
पागल दिल को बहलाना है !
वक्त ज़िंदगी कितना देगी,
तुम जानो ना मैं जानूँ !
सपनों में आकर मिल लेना
कुछ लम्हों का अफसाना है !
किससे सीखा ओ जादूगर,
पढ़ना अँखियों की भाषा ?
खामोशी में राज़ नया कुछ
हमको तुमसे कह जाना है !
रूठ सको तो रूठे रह लो,
नहीं मनाने आएँगे अब !
इतना कह दो बिन बादल के
सावन को कैसे आना है ?
तेरे दिल से मेरे दिल तक
नग़मों का आना जाना है !
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