बुधवार, 24 अप्रैल 2019

वेदना से प्रेम तक

एक पल का,
हाँ, सिर्फ एक पल का
समय लगता है,
भावना का रुपांतरण
वेदना में होने के लिए !
और वही पल साक्षी होता है
मनुष्य में ईश्वर के अंश का।

वेदना के अभाव में
ईश्वर के दूत भटकते हैं धरती पर,
खोजते हैं अश्रुओं के मोती
जो नयनों की सीपियों में पलते
और सिर्फ इसी लोक में मिलते हैं।

ब बदल जाती है
वेदना संवेदना में
तब स्वर्ग से होती है पुष्पवर्षा
झाँकते हैं देवगण
मनुष्यों के हृदय से !

संवेदना के तुषार बिंदुओं में
भीगने आती हैं अप्सराएँ !
ठीक उस क्षण, जिस क्षण
संवेदना हो जाती  है प्रेम
उसी क्षण हो जाती है
यह धरती स्वर्गसम !!!

16 टिप्‍पणियां:

  1. ठीक उस क्षण, जिस क्षण
    संवेदना हो जाती है प्रेम
    उसी क्षण हो जाती है
    यह धरती स्वर्गसम !!!
    बिल्कुल सही कहा मीना दी। जब संवेदना प्रेम बन जाती हैं। तब भी स्वर्ग का आनंद मिलता हैं।

    जवाब देंहटाएं
  2. जब बदल जाती है
    वेदना संवेदना में
    तब स्वर्ग से होती है पुष्पवर्षा
    झाँकते हैं देवगण
    मनुष्यों के हृदय से !
    ...बिलकुल सच... बहुत सुन्दर और सारगर्भित अभिव्यक्ति...

    जवाब देंहटाएं
  3. संवेदना के तुषार बिंदुओं में
    भीगने आती हैं अप्सराएँ !
    ठीक उस क्षण, जिस क्षण
    संवेदना हो जाती है प्रेम
    उसी क्षण हो जाती है
    यह धरती स्वर्गसम !
    बहुत ही मर्मस्पर्शी सृजन प्रिय मीना बहन | वेदना से ही सभी मानवीय गुणों का जन्म होता है जो मानवता के लिए वरदान बनते हैं | सुंदर रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें |

    जवाब देंहटाएं
  4. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    २९ अप्रैल २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. आपका शब्द कल्प अति सुंदर होता है.
    बहुत अच्छी कविता.

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह वेदना को संवेदनाओं का सुंदर बाना पहना सार्थक कर दिया आपने वेदना को वेदना जब उधर्व हो शिखर पर पहुंचती है वहीं से कहीं से आत्म मंथन शुरू हो आत्मा से तार जोड़ लेती है।
    अहिल्या जैसे।
    अप्रतिम अद्भुत अद्वितीय।

    जवाब देंहटाएं
  7. इंसान है तो मन में संवेदना का भाव होना जरूरी है ... नहीं तो इंसान और इंसानियत ख़त्म जो जायेगी और जानवर और इंसान में क्या फर्क रहेगा ...
    मन के किसी अंश में छुपी वेदना ही बनाती है उसे इश्वर के करीब ...
    बहुत सुन्दर सन्देश इस रचना में ...

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर लेखन । आपकी उत्कृष्ट लेखन शैली का जादू है यह। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया ।

    जवाब देंहटाएं
  9. संवेदना हो जाती है प्रेम
    उसी क्षण हो जाती है
    यह धरती स्वर्गसम !
    .....बहुत ही मर्मस्पर्शी

    जवाब देंहटाएं
  10. आप सभी की हमेशा आभारी रहूँगी इस साथ और स्नेह के लिए...

    जवाब देंहटाएं