निर्गुण भजनों की श्रृंखला में एक और पुष्प समर्पित है ---
(4)मेरे मीठे मनुआ,
तू हरि को ना बिसराना !
मेरे सोहणे मनुआ,
तू प्रभु को ना बिसराना !
जग सोए, तू जागे रहना,
कर्मजाल सुलझाना।
नाम का तार, जाप की भरनी,
बुन ले ताना बाना !
मेरे मीठे मनुआ,
तू हरि को ना बिसराना !
तूने लाखों की माया जोड़ी,
तेरे संग चले ना कौड़ी -2
मेरे मीठे मनुआ,
यहीं रह जाए माल खजाना !
मेरे मीठे मनुआ,
तू हरि को ना बिसराना !
संग चले ना कुटुंब - कबीला,
तूने जाणा है दूर अकेला - 2
मेरे मीठे मनुआ,
कोई अपना ना बेगाना !
मेरे सोहणे मनुआ,
तू प्रभु को ना बिसराना !
तेरे संगी - साथी छूटे,
ज्यों पतझड़ पत्ते टूटे - 2
मेरे मीठे मनुआ,
तन माटी में मिल जाणा !
मेरे सोहणे मनुआ,
तू प्रभु को ना बिसराना !
मेरे मीठे मनुआ.....
- मीना शर्मा -
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