पापा, आपने कहा था....
पापा,
आपने कहा था ,
बिटिया तो चिड़िया होती है...
उड़ जाती है एक दिन,
अपना नया घर बसाने के लिए ।
छोड़ जाना होता है उसे,
अपनों को ।
पापा,
आपने शायद
सच नहीं कहा था...
चिड़िया तो चहचहाती है,
मनचाहे गीत सुनाती है ।
बिना किसी अनुमति के गाती है,
कभी भी, कहीं भी ।
पापा,
आपने सच क्यों नहीं कहा..?
मैं यदि चिड़िया होती,
तो अभी उड़ आती आपके पास ।
यहाँ गाना-चहचहाना तो दूर,
हल्की सी चूँ-चूँ पर भी,
कितनी हैं बंदिशें ।
पापा,
आपने शायद ऐसा
इसीलिए कहा होगा कि
भेज सकें मुझे खुद से दूर...
समझाया होगा अपने ही मन को,
मुझे समझाने के बहाने ।
चिड़िया तो खुश ही रहती है,
मेरी बिटिया भी खुश रहेगी ।
यही ना ?
पापा,
आपकी चिड़िया खुश है ।
पापा की चिड़िया
खुश है.
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A very heart touching one 😊🙏
जवाब देंहटाएंअनुभव के उद्गार कहती भावुक रचना.
जवाब देंहटाएंसाझा करने हेतु आभार,
अयंगर.
बेहद हृदयस्पर्शी..., जीवन्त हो उठे वे पल जब पापा अपनी लाडली से बात कर रहे हैं और एक दिन उनकी बिटिया बड़ी हो कर सांसारिकता का अनुभव करती है ।
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