रविवार, 16 अगस्त 2020

छद्म भावों से घिरे !

 कितने दिखावों से घिरे, 

कितने छलावों से घिरे !

क्यूँ जी रहे हो जिंदगी,

यूँ छद्म भावों से घिरे !


ना प्रेम ही करते बना

ना ज्ञान ही पाया घना

ना मीत ही कोई बना

ना जीत ने तुमको चुना ।

चलते रहे कदम-कदम

कितने अभावों से घिरे !

क्यूँ जी रहे हो जिंदगी

यूँ छद्म भावों से घिरे !


जाने ये जन्म क्यों मिला

तुम जान ही पाए नहीं,

पाकर मनुज शरीर को

मानव भी बन पाए नहीं !

जो फल नहीं पाईं कभी

ऐसी दुआओं से घिरे !

क्यूँ जी रहे हो जिंदगी

यूँ छद्म भावों से घिरे !


बस मौन हो सहते रहे

हर जुल्म को, अन्याय को

तुम बाँच भी पाए कहाँ

आयु के हर अध्याय को ।

जीवन के रंगमंच पर 

झूठी अदाओं से घिरे !

क्यूँ जी रहे हो जिंदगी

यूँ छद्म भावों से घिरे !



14 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन भावाभिव्यक्ति मीना जी । हृदय अभीभूत हो जाता है आपका सृजन पढ़ कर ।

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  2. जाने ये जन्म क्यों मिला
    तुम जान ही पाए नहीं,
    पाकर मनुज शरीर को
    मानव भी बन पाए नहीं !
    छद्म भाव के साथ मानव बनना कहाँ सम्भव है
    बहुत ही लाजवाब सृजन हमेशा की तरह
    वाह!!!

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  3. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 18 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!



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  4. जीवन के रंगमंच पर
    झूठी अदाओं से घिरे !
    क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
    यूँ छद्म भावों से घिरे !

    बहुत खूब,काफी दिनों बाद आपको फिर से सक्रिय देख बहुत ख़ुशी हुई,सादर नमन आपको

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  5. जीवन के रंगमंच पर

    झूठी अदाओं से घिरे !

    क्यूँ जी रहे हो जिंदगी

    यूँ छद्म भावों से घिरे !
    विचारणीय कविता, मीना दी।

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  6. वाह!लाजवाब सृजन आदरणीय मीना दी।
    हर बंद सराहना से परे।
    सादर

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  7. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२२-०८-२०२०) को 'जयति-जय माँ,भारती' (चर्चा अंक-३८०१) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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  8. बस मौन हो सहते रहे
    हर जुल्म को, अन्याय को
    तुम बाँच भी पाए कहाँ
    आयु के हर अध्याय को ।
    जीवन के रंगमंच पर
    झूठी अदाओं से घिरे !
    क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
    यूँ छद्म भावों से घिरे
    छद्म भावों से घिरा इंसान ये हीरा अनमोल जन्म गवां अंततः इस दुनिया से विदा हो जाता है शानदार सृजन हमेशा की तरह प्रिय मीना | सस्नेह शुभकामनाएं|

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  9. बहुत सुंदर

    मेरे ब्लॉग
    स्वरांजलि
    जिसका अड्रेस है

    ajourneytoheart.blogspot.com

    कोभी एक नजर दें

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