कितने दिखावों से घिरे,
कितने छलावों से घिरे !
क्यूँ जी रहे हो जिंदगी,
यूँ छद्म भावों से घिरे !
ना प्रेम ही करते बना
ना ज्ञान ही पाया घना
ना मीत ही कोई बना
ना जीत ने तुमको चुना ।
चलते रहे कदम-कदम
कितने अभावों से घिरे !
क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
यूँ छद्म भावों से घिरे !
जाने ये जन्म क्यों मिला
तुम जान ही पाए नहीं,
पाकर मनुज शरीर को
मानव भी बन पाए नहीं !
जो फल नहीं पाईं कभी
ऐसी दुआओं से घिरे !
क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
यूँ छद्म भावों से घिरे !
बस मौन हो सहते रहे
हर जुल्म को, अन्याय को
तुम बाँच भी पाए कहाँ
आयु के हर अध्याय को ।
जीवन के रंगमंच पर
झूठी अदाओं से घिरे !
क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
यूँ छद्म भावों से घिरे !
वाह!बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावाभिव्यक्ति मीना जी । हृदय अभीभूत हो जाता है आपका सृजन पढ़ कर ।
जवाब देंहटाएंजाने ये जन्म क्यों मिला
जवाब देंहटाएंतुम जान ही पाए नहीं,
पाकर मनुज शरीर को
मानव भी बन पाए नहीं !
छद्म भाव के साथ मानव बनना कहाँ सम्भव है
बहुत ही लाजवाब सृजन हमेशा की तरह
वाह!!!
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 18 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जीवन के रंगमंच पर
जवाब देंहटाएंझूठी अदाओं से घिरे !
क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
यूँ छद्म भावों से घिरे !
बहुत खूब,काफी दिनों बाद आपको फिर से सक्रिय देख बहुत ख़ुशी हुई,सादर नमन आपको
सुन्दर और प्रेरक रचना।
जवाब देंहटाएंसु न्दर सृ जन
जवाब देंहटाएंसोचने को मजबूर करती रचना
जवाब देंहटाएंजीवन के रंगमंच पर
जवाब देंहटाएंझूठी अदाओं से घिरे !
क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
यूँ छद्म भावों से घिरे !
विचारणीय कविता, मीना दी।
वाह!लाजवाब सृजन आदरणीय मीना दी।
जवाब देंहटाएंहर बंद सराहना से परे।
सादर
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२२-०८-२०२०) को 'जयति-जय माँ,भारती' (चर्चा अंक-३८०१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
बेहतरीन रचना मीना जी
जवाब देंहटाएंबस मौन हो सहते रहे
जवाब देंहटाएंहर जुल्म को, अन्याय को
तुम बाँच भी पाए कहाँ
आयु के हर अध्याय को ।
जीवन के रंगमंच पर
झूठी अदाओं से घिरे !
क्यूँ जी रहे हो जिंदगी
यूँ छद्म भावों से घिरे
छद्म भावों से घिरा इंसान ये हीरा अनमोल जन्म गवां अंततः इस दुनिया से विदा हो जाता है शानदार सृजन हमेशा की तरह प्रिय मीना | सस्नेह शुभकामनाएं|
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग
स्वरांजलि
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