कितने बाबा यहाँ हो गए,
बाबासाहेब जैसा कौन ?
बाबासाहेब जैसा कौन ?
जो जल को चवदार बना दे
जादूगर था ऐसा कौन ?
ना पैसा, ना दौलत - शोहरत
ना कोई रखवाला था,
अपने दम पर गगन झुकाने
वाला वो मतवाला था।
शोषण और दमन से लड़ने
का उसने आहवान किया,
सदियों से अन्याय सह रहे
लोगों को नेतृत्व दिया।
पद की खातिर सब मिटते हैं,
जन की खातिर मिटता कौन ?
जो जल को चवदार बना दे
जादूगर था ऐसा कौन ?
संविधान का रूप सुनहरा
जिसके हाथों ने लिक्खा
ज्ञान औषधि, ज्ञान दुआ और
ज्ञान ही थी उसकी पूजा
बिगुल ज्ञान का बजा बजाकर
सोए लोग जगाता था
मरी हुई आत्माओं को वह
जिंदा यहाँ बनाता था।
जो पढ़ लेगा वही बचेगा
ऐसा हमसे कहता कौन !
जो जल को चवदार बना दे
जादूगर था ऐसा कौन ?
बत्तीस डिग्री, नौ भाषाएँ
ये थे उसके आभूषण,
और हजारों ग्रंथों का
संग्रह ही था बस उसका धन !
भेदभाव और छुआछूत से
तड़प रहा था उसका मन,
ईश्वर ने तो एक बनाया
फिर क्यों अपमानित कुछ जन !
समता के सिद्धांतो को
दुनिया के आगे रखता कौन ?
जो जल को चवदार बना दे
जादूगर था ऐसा कौन ?
संदर्भ : (विकिपीडिया)
महाड़ का सत्याग्रह (अन्य नाम: चवदार तालाब सत्याग्रह व महाड का मुक्तिसंग्राम) भीमराव आंबेडकर की अगुवाई में 20 मार्च 1927 को महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिले के महाड स्थान पर दलितों को सार्वजनिक चवदार तालाब से पानी पीने और इस्तेमाल करने का अधिकार दिलाने के लिए किया गया एक प्रभावी सत्याग्रह था। इस दिन को भारत में सामाजिक सशक्तिकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस सत्याग्रह में हजारों की संख्या में दलित लोग सम्मिलित हुए थे, सभी लोग महाड के चवदार तालाब पहुँचे और आंबेडकर ने प्रथम अपने दोनों हाथों से उस तालाब पानी पिया, फिर हजारों सत्याग्रहियों ने उनका अनुकरण किया। यह आंबेडकर का पहला सत्याग्रह था।
वैसे 'चवदार ' मराठी शब्द है जिसका अर्थ हिंदी में 'स्वादिष्ट' होता है।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 31 मार्च 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबाबा साहब अंबेडकर के जीवन और सत्याग्रह के बारे में लिखी प्रेरणादायक सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंवाह! मीना जी ,बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंबाबासाहब को नमन।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत खूब प्रिय मीना! बाबा साहेब की शान में उनका ये प्रशस्ति गान अद्भुत है! सच में संविधान निर्माता बाबा साहेब जैसा माँ भारती का दूसरा लाल कौन है भला! सीमित साधनों में कीचड़ में कमल से बन खिले बाबा साहेब का नाम भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने योग्य है! प्रतिभा किसी वर्ग विशेष की बपौती नहीं ये बात वो अपने ज्ञान और बहुमुखी प्रतिभा से सिद्ध कर गए! बाबा साहेब जीकी की पुण्य स्मृति को सादर नमन!! 🙏
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