मंगलवार, 25 मई 2021

फिरौती

कभी वह भी प्रकृति से जुड़ी थी,
किताबों में खोई रहती थी,
जिंदगी में क्या चाहिए, पूछने पर
जवाब देती थी - एक हरा भरा शांत कोना
और एक पुस्तकों से भरी लाइब्रेरी।
उसकी खुशियाँ भी मासूम थीं
उसी की तरह,
उसकी ख्वाहिशें भी भोली थीं
बिल्कुल उसी की तरह ।
धीरे धीरे दुनिया की नजर लगी,
उसकी ख्वाहिशें उसकी न रह गईं
उसकी खुशियों पर दूसरों की
चाहतों का रंग चढ़ गया ।
उसके बगीचे और उसकी लाइब्रेरी में
उसकी मरी हुई इच्छाओं की सड़ांध भर गई,
उसकी चिड़ियों और बुलबुलों ने
झरोखों में आकर चहकना छोड़ दिया,
तितलियाँ भी उस हरियाले कोने का
रास्ता भूल गईं । 
और हद तो तब हो गई जब
उसके विचारों का अपहरण करके
उन्हें कालकोठरी में बंद कर दिया गया । 
शायद फिरौती में माँगी गई रकम
उसकी जिंदगी से भी अधिक है,
अपनी तमाम साँसों को देकर भी वह
अपने विचारों को छुड़वा नहीं पाएगी !!!

46 टिप्‍पणियां:

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  2. बेचारी की दर्द भरी दास्तान का सुंदर मार्मिक चित्रण

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  3. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (26 -5-21) को "प्यार से पुकार लो" (चर्चा अंक 4077) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

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  4. उसके विचारों का अपहरण करके

    उन्हें कालकोठरी में बंद कर दिया गया ।

    शायद फिरौती में माँगी गई रकम

    उसकी जिंदगी से भी अधिक है,

    अपनी तमाम साँसों को देकर भी वह

    अपने विचारों को छुड़वा नहीं पाएगी !

    बेहतरीन रचना

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  5. अत्यंत मार्मिक चित्रण

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  6. क्या न जाने, कौन सा पथ,
    भटकता क्यों हृदय का रथ?

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  7. मार्मिक भावनाओं से ओत-प्रोत रचना

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  9. हद तो तब हो गई जब

    उसके विचारों का अपहरण करके

    उन्हें कालकोठरी में बंद कर दिया गया ।

    शायद फिरौती में माँगी गई रकम

    उसकी जिंदगी से भी अधिक है,
    बहुत ही मार्मिक चित्रण, मीना दी।

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  10. ऐसा अक्सर होता है, त्याग और तमाम समझौते के बाद भी एक स्त्री की बिलकुल आम ख्वाहिश भी मार दी जाती है, हृदयस्पर्शी सृजन ।

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  11. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २८ मई २०२१ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  12. कभी वह भी प्रकृति से जुड़ी थी,
    किताबों में खोई रहती थी,
    शानदार रचना
    सादर..

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  13. बेहद चिंतनीय और सारगर्भित अभिव्यक्ति

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  14. विचारों का अपहरण जीवन की सबसे भयंकर और दुखद त्रासदी है। मर्मस्पर्शी!!!!

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय विश्वमोहन जी

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  15. हद तो तब हो गई जब
    उसके विचारों का अपहरण करके
    उन्हें कालकोठरी में बंद कर दिया गया ।
    दिल को छू जाने वाली अत्यंत मार्मिक रचना!

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीया मनीषा जी

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  16. ओह गजब मीना जी रोंगटे खड़े हो गये सहजता से इतना मर्मस्पर्शी लिख दिया आपने ।
    अद्भुत।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीया कुसुम कोठारी जी

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  17. विचारों का अपहरण कर
    बना लिया बंदी
    जीवन भर के लिए
    माँग भी नहीं होती न।
    फिर किसी
    फिरौती की ।
    गर छूटना चाहे कोई
    इस कारा से
    नहीं मिलती आज़ादी
    और गर मिल भी गयी तो
    खुद के विचार भी
    कहाँ रहते अपने ।
    गहन भाव लिए विचारणीय रचना ।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीया संगीता दीदी

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  18. उसकी खुशियों पर दूसरों की
    चाहतों का रंग चढ़ गया ।
    उसके बगीचे और उसकी लाइब्रेरी में
    उसकी मरी हुई इच्छाओं की सड़ांध भर गई
    और दूसरों की चाहतों का रंग चढ़ने दिया उसने अपनी खुशियों पर खुशी खुशी..।बस यही भूल तो दोहराती है वह जनम जनम...अपहृत विचारों को कालकोठरी से छुड़वाने की फिरोती में साँस का एक एक कतरा लगाकर भी मरणासन्न विचारों के साथ मर जाती हैं उसकी तमाम खुशियाँ....
    दिल की गहराइयों को छूती गहन चिन्तनपरक भावाभिव्यक्ति।

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    1. बड़ी गहराई से विश्लेषण किया आपने, बहुत बहुत आभार मेरी रचना पर अपनी अनमोल प्रतिक्रिया देने हेतु आदरणीया सुधा जी

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  19. विचार फिर भी जीवित रहते हैं मन में ... बस उनकी अभिव्यक्ति पे पहरे लग जाते हैं ... बहुत गहरे भाव हैं रचना में ...

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    1. बहुत बहुत आभार मेरी रचना पर अपनी अनमोल प्रतिक्रिया देने हेतु आदरणीय दिगंबर सर

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  20. प्रिय मीना, विचारों का अवरूद्ध होना किसी अभिशाप से कम नहीं। नैराश्य भाव में डूबे मन की व्यथा कथा। सार्थक रचना जो भावपूर्ण अभिव्यक्ति है मन की

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    1. बहुत बहुत आभार मेरी रचना पर अपनी अनमोल प्रतिक्रिया देने हेतु प्रिय रेणु बहन।

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  21. जीवेत शरद: शतम् शतम्,
    सुदिनं सुदिनं जन्मदिनम् ।
    भवतु मंगलम् विजयीभव सर्वदा,
    जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। खूब खुश रहो और यशस्वी बनो। मेरा प्यार ❤️🌷🌷🎈🎈💐❤️🎂🎂

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    1. बहुत सारा स्नेह व आभार प्रिय बहना। देर से उत्तर के लिए क्षमा चाहती हूँ।

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  22. गहन भावों की मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति ।

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