किसी की आँख के आँसू को
तुम मुस्कान में बदलो !
दर्द को गीत में बदलो,
व्यथा को तान में बदलो !
जमाना साथ ना रोएगा
गर रोते रहोगे तुम !
रूदन बदलो हँसी में
वेदना को गान में बदलो !!!
किसी की आँख के.......
किसी का प्यार ना पाओ तो
खुद ही प्यार बन जाओ !
लगा लेंगे गले ईश्वर,
सुमन का हार बन जाओ !
तुम्हारे कर्म से तुमको
ये दुनिया याद रखेगी,
कि तुम हर काम को अपने
किसी अंजाम में बदलो !!!
किसी की आँख के.......
नहीं मिलता कोई माली
यहाँ जंगल के फूलों को !
नहीं करता क्षमा यह जग
कभी दूजे की भूलों को !
मगर नन्हा सा दीपक भी
अँधेरों से तो लड़ता है,
जगत के क्रूर भावों को,
दया के दान में बदलो !!!
किसी की आँख के.....
मिलेंगे और भी कारण
अगर लड़ना है, मरना है !
खुदा और ईश को, फिर क्यों
तुम्हें बदनाम करना है ?
मनुजता का पढ़ाते पाठ,
हों कुरआन या गीता !
हर इक हिंदू औ' मुस्लिम को
सिर्फ इंसान में बदलो !!!
किसी की आँख के.....
किसी की आँख के आँसू को तुम
मुस्कान में बदलो !
दर्द को गीत में बदलो,
व्यथा को तान में बदलो !!!
तुम मुस्कान में बदलो !
दर्द को गीत में बदलो,
व्यथा को तान में बदलो !
जमाना साथ ना रोएगा
गर रोते रहोगे तुम !
रूदन बदलो हँसी में
वेदना को गान में बदलो !!!
किसी की आँख के.......
किसी का प्यार ना पाओ तो
खुद ही प्यार बन जाओ !
लगा लेंगे गले ईश्वर,
सुमन का हार बन जाओ !
तुम्हारे कर्म से तुमको
ये दुनिया याद रखेगी,
कि तुम हर काम को अपने
किसी अंजाम में बदलो !!!
किसी की आँख के.......
नहीं मिलता कोई माली
यहाँ जंगल के फूलों को !
नहीं करता क्षमा यह जग
कभी दूजे की भूलों को !
मगर नन्हा सा दीपक भी
अँधेरों से तो लड़ता है,
जगत के क्रूर भावों को,
दया के दान में बदलो !!!
किसी की आँख के.....
मिलेंगे और भी कारण
अगर लड़ना है, मरना है !
खुदा और ईश को, फिर क्यों
तुम्हें बदनाम करना है ?
मनुजता का पढ़ाते पाठ,
हों कुरआन या गीता !
हर इक हिंदू औ' मुस्लिम को
सिर्फ इंसान में बदलो !!!
किसी की आँख के.....
किसी की आँख के आँसू को तुम
मुस्कान में बदलो !
दर्द को गीत में बदलो,
व्यथा को तान में बदलो !!!