बीत जाए ज़िंदगी का,
ना कहीं मधुमास यूँ ही !!!
तुम रहो ना, पास यूँ ही ।।
बरसने दो नेह को,
आँखों के बादलों से तुम !
हूँ अभी ज़िंदा, मुझे
होता रहे आभास यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
बँध गए अनुबंध के धागे,
तो रहने दो बँधे !
प्रीत के पाखी को उड़ने
दो खुले आकाश यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
कह गईं बातें हजारों
एक खामोशी तेरी !
रह गए दिल में सिहरकर
कुछ मेरे जज्बात यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
भर गया खुशबू से दामन
इक तेरी मौजूदगी से !
खूबसूरत इन लम्हों का,
दिल में हो अहसास यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
कौन जाने इस जनम,अब
हम मिलें या ना मिलें !
तेरी यादों के सहारे,
काट लूँ वनवास यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
ना कहीं मधुमास यूँ ही !!!
तुम रहो ना, पास यूँ ही ।।
बरसने दो नेह को,
आँखों के बादलों से तुम !
हूँ अभी ज़िंदा, मुझे
होता रहे आभास यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
बँध गए अनुबंध के धागे,
तो रहने दो बँधे !
प्रीत के पाखी को उड़ने
दो खुले आकाश यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
कह गईं बातें हजारों
एक खामोशी तेरी !
रह गए दिल में सिहरकर
कुछ मेरे जज्बात यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
भर गया खुशबू से दामन
इक तेरी मौजूदगी से !
खूबसूरत इन लम्हों का,
दिल में हो अहसास यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
कौन जाने इस जनम,अब
हम मिलें या ना मिलें !
तेरी यादों के सहारे,
काट लूँ वनवास यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना गुरुवार २५ अप्रैल २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत सुन्दर 👌
जवाब देंहटाएंसादर
कह गईं बातें हजारों
जवाब देंहटाएंएक खामोशी तेरी !
रह गए दिल में सिहरकर
कुछ मेरे जज्बात यूँ ही !
तुम रहो ना, पास यूँ ही।।
बहुत लाजवाब.... बस लाजवाब...
वाह!!!
प्रिय रेणु बहन, अनिताजी, अमित जी, सुधाजी आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत ही मधुर अभिव्यक्ति।
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