हर पल
साथ अपनों का जब मिले हर पल,
यूँ ही चलता रहे सफर हर पल...
वक्त की खिड़कियों को बंद ना कर,
खुशबू यादों की आ रही हर पल...
दिल की गहराइयों से माँग ज़रा,
जो तू चाहे वही मिले हर पल...
अब किसी इम्तिहाँ से क्या डरना,
जिंदगी इम्तिहाँ बनी हर पल...
तू क्यूँ नाराज है ऐ वक्त बता,
हमने तो की तेरी कदर हर पल...
दोस्तों, शायरी का शौक नहीं,
चंद लफ्जों के गुल खिले हर पल...
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