चल, दूर कहीं चल मन मेरे
मंजिल नहीं यह बावरे !!!
पाँव डगमग हो रहे औ'
नयन छ्लछ्ल हो रहे,
मीत बनकर जॊ मिले थे
वह भरोसा खो रहे।
प्रेम की बूँदों का प्यासा
बन ना चातक बावरे !!!
चल, दूर कहीं चल मन मेरे
मंजिल नहीं यह, बावरे !!!
पथ अंधेरा गर मिले तो
आस के दीपक जला ले,
राह में काँटें अगर हों
पाँव को अपने बचा ले !
तू अकेला ही प्रवासी
कोई न तेरे साथ रे !!!
चल, दूर कहीं चल मन मेरे
मंजिल नहीं यह, बावरे !!!
याद आएँ जो तुझे, कूचे
कभी इस शहर के
आँसुओं को मत बहाना
घूँट पीना जहर के ।
वेदना मत भूलना यह
भरने ना देना घाव रे !!!
चल, दूर कहीं चल मन मेरे
मंजिल नहीं यह, बावरे !!!
मंजिल नहीं यह बावरे !!!
पाँव डगमग हो रहे औ'
नयन छ्लछ्ल हो रहे,
मीत बनकर जॊ मिले थे
वह भरोसा खो रहे।
प्रेम की बूँदों का प्यासा
बन ना चातक बावरे !!!
चल, दूर कहीं चल मन मेरे
मंजिल नहीं यह, बावरे !!!
पथ अंधेरा गर मिले तो
आस के दीपक जला ले,
राह में काँटें अगर हों
पाँव को अपने बचा ले !
तू अकेला ही प्रवासी
कोई न तेरे साथ रे !!!
चल, दूर कहीं चल मन मेरे
मंजिल नहीं यह, बावरे !!!
याद आएँ जो तुझे, कूचे
कभी इस शहर के
आँसुओं को मत बहाना
घूँट पीना जहर के ।
वेदना मत भूलना यह
भरने ना देना घाव रे !!!
चल, दूर कहीं चल मन मेरे
मंजिल नहीं यह, बावरे !!!