बचपन को कर लूँगी याद रे !
बाबुल मेरे !
तेरे कलेजे से लग के ।।
नन्हें से पाँवों में, चाँदी की पायल,
पायल के घुँघरू, घुँघरू की रुनझुन !
रुनझुन मचलती थी, जब तेरे आँगन,
छोटी - छोटी खुशियों की बात रे !
बचपन को कर लूँगी याद रे !
बाबुल मेरे !
तेरे कलेजे से लग के ।।
अम्मा से कहना, तरसे हैं अँखियाँ,
अँखियों में सपने, सपनों में सखियाँ,
सावन के झूले, मीठी सी बतियाँ !
पीहर की ठंडी सी छाँव रे !
बचपन को कर लूँगी याद रे !
बाबुल मेरे !
तेरे कलेजे से लग के ।।
भैया को बहना की याद ना आए,
कैसे मगर, बहना बिसराए !
इक भैया मोरा, गया है बिदेसवा,
दूजे की नयनों को आस रे !
बचपन को कर लूँगी याद रे !
बाबुल मेरे !
तेरे कलेजे से लगके ।।
सावन के बहाने, बुला भेजो बाबुल !!!