शनिवार, 18 जून 2016

चलते - चलते


चलते - चलते 

चलते - चलते ही
गुनगुना लो तुम,
व्यस्त होकर भी
खिलखिला लो तुम ।

   साथ चलने कॊ भी
   मिले कोई ,
   राह आसान अब
   बना लो तुम ।

उम्र ने कब
किसी को बख्शा है ,
थकते लम्हों का भी
मज़ा लो तुम ।

   न जाने कब
   कोई बिछड़ जाए ,
   साथ जब तक है
   दिल मिला लो तुम ।

चाहे बदले कोई
या ना बदले ,
वक्त है, खुद को
बदल डालो तुम ।
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