चिड़िया

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मंगलवार, 1 जुलाई 2025

विचित्र लोग

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बड़े विचित्र होते हैं कुछ लोग भटकते हैं प्रेम की तलाश में लेकिन अहं इतना प्रबल होता है कि स्वीकार नहीं कर पाते ना ही जता पाते हैं किसी तरह ब...
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शुक्रवार, 27 जून 2025

पुनः बसंत लिखूँगी !

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पतझड़ के मौसम में झड़ते पात - पात की पीड़ाओं को, झंझा की झकझोरों से झरने वाली कच्ची कलियों को, लिखने वाले खूब लिख गए, मैं पतझड़ का अंत लिखूँगी ...
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गुरुवार, 20 मार्च 2025

हमारी समझ ना आए

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जीवन का यह गणित हमारी समझ ना आए ! जोड़ - घटा का फलित हमारी समझ ना आए ! कभी एक के जुड़ जाने से , खुशियाँ सहस गुना हो जाती ! कभी एक का ही घट ज...
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शनिवार, 15 मार्च 2025

हफ्ते भर का चिट्ठा

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जैसे कागज की कश्ती बहती बहते पानी में वैसे ही दिन बीत रहे हैं बिन तेरे ओ साथी ! कहता है मन अभी मिलेगा उसका कोई संदेशा ना आने से मन बुझ जाता ...
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सोमवार, 10 मार्च 2025

जहरी मीडिया

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आग लगने की तके है  राह जहरी मीडिया घी लिए तैयार बैठा,  वाह जहरी मीडिया ! धर्म, जाति, कौम के  रंग में रंगे हर रूह को विषबुझे तीरों से करता वा...
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Meena sharma
लिखने से अधिक शौक पढ़ने का रहा। ब्लॉग जगत से परिचय होने के बाद अपनी स्वरचित रचनाओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से ब्लॉग बनाया। 'अब ना रुकूँगी', 'ओस की बूँदें' (साझा), 'तब गुलमोहर खिलता है' ये तीन कवितासंग्रह प्रकाशित।
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