कहाँ - कहाँ से मिटाएँ
तुम्हारी यादों को,
ख़ता है अपनी या
इल्ज़ाम दें हालातों को।
एक खंजर सा उतरता
है किसी सीने में,
लम्हे - लम्हे में
तड़पता है कोई रातों को ।
यूँ तो तूफान ने
तोड़ा है बहुत कुछ मेरा,
मैंने छूने ना दिया
बस तेरी सौगातों को ।
नींद डरती है कि फिर
ख़्वाब ना बह जाए कोई,
कैद अश्कों को करो
रोक लो बरसातों को ।
तेरी खामोशी से दिल
ख़ौफ़ज़दा है इतना,
कैसे चाहे कि कोई
बाँट ले जज़्बातों को ।
आज खुद देख लिया
रूह को मरते अपनी,
और ग़ज़लों में कहा
ज़िंदगी की बातों को ।
तुम्हारी यादों को,
ख़ता है अपनी या
इल्ज़ाम दें हालातों को।
एक खंजर सा उतरता
है किसी सीने में,
लम्हे - लम्हे में
तड़पता है कोई रातों को ।
यूँ तो तूफान ने
तोड़ा है बहुत कुछ मेरा,
मैंने छूने ना दिया
बस तेरी सौगातों को ।
नींद डरती है कि फिर
ख़्वाब ना बह जाए कोई,
कैद अश्कों को करो
रोक लो बरसातों को ।
तेरी खामोशी से दिल
ख़ौफ़ज़दा है इतना,
कैसे चाहे कि कोई
बाँट ले जज़्बातों को ।
आज खुद देख लिया
रूह को मरते अपनी,
और ग़ज़लों में कहा
ज़िंदगी की बातों को ।
यूँ तो तूफान ने
जवाब देंहटाएंतोड़ा है बहुत कुछ मेरा,
मैंने छूने ना दिया
बस तेरी सौगातों को ।
बहुत ही सुंदर सखी ,एक एक शब्द दिल में उतरता हुआ ,लाज़बाब......
शुक्रिया कामिनीजी। सस्नेह।
हटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १७ मई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सस्नेह आभार प्रिय श्वेता।
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार अनुराधा जी।
हटाएंkoshish jari rakhiye... koshish karnewalon ki...haar nahi hoti.
जवाब देंहटाएंजी सर, कोशिश कर रही हूँ बेहतर लिखने की। प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। सादर।
हटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 16/05/2019 की बुलेटिन, " मुफ़्त का धनिया - काबिल इंसान - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंअसाधारण अनुपम भावों का मधुर तारतम्य लिये बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना 👌
जवाब देंहटाएंआज खुद देख लिया
जवाब देंहटाएंरूह को मरते अपनी,
और ग़ज़लों में कहा
ज़िंदगी की बातों को ।
हमेशा की तरह बेहद खूबसूरत और लाजवाब सृजन
वाह!!!
सुंदर कविता |ब्लॉग पर आने हेतु ह्रदय से आभार
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत और प्रेरक
जवाब देंहटाएंआज खुद देख लिया
जवाब देंहटाएंरूह को मरते अपनी,
और ग़ज़लों में कहा
ज़िंदगी की बातों को ।
बहुत सुंदर रचना, मीना दी।
आप सभी अपना मूल्यवान समय निकालकर मेरी रचनाएँ पढ़ते और इतना हौसला बढ़ाते हैं। मैं तहेदिल से आप सबका शुक्रिया अदा करती हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
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